पुतिन और डोनाल्ड ट्रम्प आज Ukraine War का भविष्य तय करेंगे (Putin Trump Meeting) – यूक्रेन युद्ध का Turning Point

दोस्तों जैसा की कई दिन से इस बात की चर्चा चल रही थी की पुतिन और डोनाल्ड ट्रम्प (Putin Trump Meeting) अमेरिका के अलास्का में मिल सकते है। जी हां, आज वे Ukraine War का भविष्य तय करने वाले है |

putin trump meeting

मिलने का समय (Putin Trump Meeting Timing)

यूएसए टुडे के अनुसार, यह Meeting अलास्का समयानुसार सुबह 11:30 बजे (EST टाइम 3:30 बजे) शुरू होने वाली है, जो भारत में 16 अगस्त की आधी रात को होगी।

मिलने का स्थान

यह मुलाकात अलास्का के एंकोरेज शहर में होने वाली है | रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप शुक्रवार सुबह 6:45 बजे EDT (भारतीय समयानुसार 4:15 IST) व्हाइट हाउस से रवाना होंगे। वे लगभग छह से सात घंटे एयर फ़ोर्स वन से यात्रा कर एंकोरेज पहुंचेंगे, जहां यह शिखर बैठक होगी।

बातचीत का एजेंडा

रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से चौथे वर्ष में पहुंच चुकी यूक्रेन युद्ध इस बैठक का मुख्य विषय रहेगा। ट्रंप ने एक “लैंड स्वैप” समझौते का सुझाव भी दिया है, जिसके तहत रूस और यूक्रेन दोनों को एक-दूसरे को कुछ इलाक़ा छोड़ना होगा जिसे कीव ने पूरी तरह नकार दिया है। बातचीत में बहुत से नाजुक मुद्दे उछल सकते हैं—जैसे सीज़फायर की बात, सिक्योरिटी की गारंटी, या फिर यूरोप के पावर बैलेंस का नया हिसाब-किताब। उधर पुतिन, जिन पर वेस्टर्न देशों की पाबंदियों और मिलिट्री प्रेशर की भरमार है, इस मीटिंग को रूस के लिए एक डिप्लोमैटिक गोल्डन चांस की तरह देख सकते हैं।

मीटिंग से उम्मीदे

ट्रंप ने इस मुलाक़ात को “अगली बैठक की तैयारी” बताया है, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की भी शामिल हो सकते हैं। 14 अगस्त को फ़ॉक्स न्यूज़ रेडियो को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने इन वार्ताओं की तुलना “शतरंज के खेल” से करते हुए अनुमान लगाया कि इनके विफल होने की 25% संभावना है। जेलेंसिकी अपना एक इंच जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है । ऐसे में युद्ध ख़त्म होने की उम्मीद बहुत कम है |

बैठक का भारत पर असर

पुतिन और डोनाल्ड ट्रम्प की यह ऐतिहासिक बैठक Putin Trump Meeting केवल यूक्रेन युद्ध तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके परिणाम भारत सहित पूरे एशिया पर असर डाल सकते हैं। यदि इस बैठक में युद्धविराम या तनाव कम करने पर सहमति बनती है, तो वैश्विक तेल और गैस की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिसका सीधा लाभ भारत को मिलेगा, क्योंकि भारत ऊर्जा का बड़ा आयातक है। हाल ही में रूस से तेल आयत के कारण 50 % टैरिफ भारत पर लगाया गया है ।

रूस भारत का पारंपरिक रणनीतिक सहयोगी है और ट्रम्प के साथ बेहतर संबंध रूस को पश्चिमी दबाव से कुछ राहत दे सकते हैं। इससे रूस भारत को रक्षा और ऊर्जा आपूर्ति पहले की तरह जारी रख पाएगा।

हालाँकि, अगर बैठक असफल होती है और यूक्रेन युद्ध और बढ़ता है, तो वैश्विक व्यापार मार्गों और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे भारत की आर्थिक स्थिति पर दबाव पड़ेगा।

इसके अलावा, अमेरिका और रूस के बीच शक्ति संतुलन में बदलाव भारत की विदेश नीति के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर दोनों ला सकता है। भारत को अपने कूटनीतिक संतुलन को बनाए रखते हुए इस बदलाव का लाभ उठाना होगा।

मीटिंग (Putin Trump Meeting) से पहले ही ट्रम्प की चेतावनी

ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि अगर पुतिन युद्ध खत्म करने से इनकार करते हैं तो मॉस्को को “बहुत गंभीर परिणाम” भुगतने होंगे। बैठक को लेकर मीडिया और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की नजरें टिकी हुई हैं। समर्थकों का मानना है कि अगर यह बैठक सकारात्मक दिशा में जाती है तो यह यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है। आलोचकों का कहना है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक प्रदर्शन बनकर रह सकती है, जिसमें ठोस परिणाम निकलना मुश्किल है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस

दोनों नेताओ की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की सम्भावना जताई जा रही है | दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ “द्विपक्षीय लंच” और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस होने कि सम्भावना है।

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